حركة جعفر الخابوري الاسلاميه احدر ان يصيبك فيروس الحقيقه فتشقى |
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| مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري | |
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كاتب الموضوع | رسالة |
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جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الإثنين يونيو 26, 2023 5:22 am | |
| انصحكم بهذه القصة وبشدة يّاكم والعدس فعذابه إلى يوم البعث تزوّج رجل بفتاة ورغم أنّه ميسور الحال إلا أنّه شحيح النفقة ولا يعرف من أصناف الطعام إلا صنف واحد (العدس) ثلاث وجبات في اليوم على مدار الأسبوع والشهر والعام . صبرت زوجته عليه مدة كبيرة من الزمن ، إلا أنّها من حين للآخر تحدّثه فى الأمر ، وتطلب منه أن يأتيها مرة بلحم أو دجاج أو أي شيء غير العدس لأنّها أصبحت لا تطيقه وتفضّل الجوع على أكله ، لكنّه كان يرفض رفضا قاطعا ويذكر لها فوائد العدس ورخص ثمنه ، وفي يوم من الأيام ذهبت لزيارة أهلها ، لكنّها كانت تجد حرجا في أن تحدّث أهلها في هذا الأمر ، لكنّ إخوتها لاحظوا أنّها ليست على ما يرام ، سألوها ما الأمر ، لكنّها رفضت أن تحكي لهم ، وبعد إلحاح وإصرار منهم لمعرفة ما هي المشكلة التي جعلتها مهمومة مكسورة الخاطر ، فحكت لهم عن بخل زوجها وشحّه ، وأنّها من يوم زواجها منه لم تذق شيء غير العدس . قالوا لها : دعِ الأمر لنا ، كلّ ما عليك خذي هذه الحبّة المنوّمة وضعيها له فى الطعام أخذت منهم الحبّة المنوّمة وفعلت كما قالوا لها ، ثم جاؤوا إلى بيتها ووجدوا زوجها راح فى سبات عميق متأثرا بمفعول الحبّة المنوّمة ، فجرّدوه من ملابسه وألبسوه كفنا ، ثم أخذوه إلى غرفة مظلمة وانتظروه حتى استيقظ ليجد نفسه في مكان مظلم وعليه الأكفان فظنّ أنّه مات..... ثم ظهرا له اثنان من إخوة زوجته وهما متنكّران وعجّلانه بالسؤال : من ربك؟ فأيقن أنّه فعلا قد مات وأنّه في تلك اللحظة يُسأل ، وأجاب وهو يرتجف من الخوف بعد أن كرّرا عليه السؤال .. من ربك؟ قال : الله .. لا إله إلا هو وحده لا شريك له. وما دينك؟ قال : الإسلام من الرجل الذى بعث فيكم؟ قال محمّد صلّى الله عليه وسلّم. ماذا كان طعامك فى الدنيا؟ قال : العدس والله لم أذق طعاما غيره. فقالا له لم تذق غير العدس ، والله سبحانه وتعالى يقول : (كلوا من طيبات ما رزقناكم) ، إنّ عذاب العدس أن تجلد بالسياط إلى يوم البعث ، وأخرجا سوطين وانهالا عليه ضربا بالسياط حتى أُغشي عليه ، فحملوه وأعادوه إلى مكانه وألبسوه ملابسه وانصرفوا .. ولمّا أفاق سأل زوجته وهو يرتجف من الخوف ويتوجّع من الألم.. ألم يحدث شيء لي ، ألم أمت؟ قالت : لا لم يحدث شيء وها أنت ذا حيّ تُرزق سأذهب لأعدّ لك فطورك ، سأحضر لك العدس حالا.. فصرخ قائلا : لاااااااااااا إيّاك والعدس فعذابه إلى يوم البعث ، سأذهب لأشتري لنا لحما وفاكهة فالله سبحانه وتعالى يقول : ( يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آَمَنُوا كُلُوا مِنْ طَيِّبَاتِ مَا رَزَقْنَاكُمْ وَاشْكُرُوا لِلَّهِ إِنْ كُنْتُمْ إِيَّاهُ تَعْبُدُونَ ) | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
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| موضوع: مجلة كشف الحقائق الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأربعاء أكتوبر 16, 2024 4:22 am | |
| This is what a report by UN human rights experts concluded, describing the situation in the Gaza Strip as "the most severe humanitarian crisis the world has experienced since World War II."
The report includes shocking information about the level of brutality in the mass killings of the population, their starvation, and their confinement in crowded, unsafe shelters, while the continuous bombing of inhabited homes, shelters, and tents has turned "humanitarian areas" into shooting fields and killing grounds.
The report called on the international community to take urgent action to prevent the region from sliding into a comprehensive war, after the flames spread to Lebanon and Iran.
We realize that the imbalance of justice and the absence of accountability will make the UN report confined to the framework of freedom of opinion and expression, and will not receive any attention, like all the decisions issued by the United Nations and the International Court of Justice, whether related to the raging war of extermination, or related to the legal opinion on the illegitimacy of the occupation of Palestinian territories. The United States bears full responsibility for this savagery that is out of control or restraints, and we see its expressions in the targeting of UNIFIL forces, which were attacked for the second time, and two of its members were killed.
It is the bullying that leans on the American shoulder, suckles from its breast, and feeds on its money, and the latest products of its weapons factories.
Stop the war of extermination.. Stop the open massacre in Gaza, the West Bank and Lebanon..!
Weekly Revealing Facts Magazine Editor-in-Chief Jaafar Al-Khabouri | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأربعاء أكتوبر 16, 2024 4:22 am | |
| रविवार, अक्टूबर 13, 2024 सुबह 9:46 बजे - जेरूसलम समय
इज़राइल ने UNRWA के ताबूत में घातक कील ठोंक दी
सामी माशा कब्जे वाले यरूशलेम में शेख जर्राह पड़ोस में अपने महत्वपूर्ण मुख्यालय से यूएनआरडब्ल्यूए को निष्कासित करने और एक निपटान चौकी बनाने का हालिया इजरायली निर्णय, अतिशयोक्ति के बिना, फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए राजनीतिक और सेवा के लिहाज से आंख में छुरा है, और पहला है एजेंसी को यरूशलेम से, शुआफ़ात शिविर से, और शहर में यूएनआरडब्ल्यूए के बाकी मुख्यालयों से बाहर निकालने की दिशा में गोली चलाई गई, जिसमें पुराने शहर की दीवारों के भीतर इसका महत्वपूर्ण चिकित्सा मुख्यालय भी शामिल है। कब्ज़ा करने वाले राज्य भूमि विभाग का दावा है कि 36 डनम जिन पर यूएनआरडब्ल्यूए मुख्यालय यरूशलेम में स्थित है, जिसमें 7 डनम शामिल हैं, कमिश्नर-जनरल के आधिकारिक मुख्यालय और यूएनआरडब्ल्यूए के वेस्ट बैंक क्षेत्र के लिए परिचालन मुख्यालय का क्षेत्र है दावा है कि इन जमीनों को वर्ष 2006 में कब्जे से जब्त कर लिया गया था। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यरूशलेम में यूएनआरडब्ल्यूए का मुख्यालय और सुविधाएं जिस भूमि पर स्थित हैं, उसे 1950 में यूएनआरडब्ल्यूए की स्थापना के साथ जॉर्डन सरकार द्वारा पट्टे के रूप में दिया गया था। कब्ज़ा करने वाले राज्य का दावा है कि ये ज़मीनें "इज़राइल भूमि" विभाग की संपत्ति हैं, झूठा है, यह देखते हुए कि वे कब्ज़ा की गई भूमि का हिस्सा हैं। घाव पर नमक छिड़कने के लिए, इज़राइल भूमि विभाग मांग करता है कि यूएनआरडब्ल्यूए पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने और बिना परमिट के अपने मुख्यालय पर सुविधाओं के निर्माण के लिए जुर्माने के रूप में लाखों शेकेल का भुगतान करे! यह कदम सबसे खतरनाक कदम से पहले है, इस महीने की अट्ठाईस तारीख को नेसेट अवकाश समाप्त होने के बाद, जब सरकारी गठबंधन और विपक्ष के सदस्यों को यूएनआरडब्ल्यूए को एक आतंकवादी संगठन घोषित करने वाले दो प्रस्तावों पर दूसरे और तीसरे वाचन में मतदान करने की उम्मीद है और यूएनआरडब्ल्यूए और इज़राइल के बीच मुख्यालय समझौते (1967 का कुमाई-मैकलेमोर समझौता) को रद्द करना, जिसने यूएनआरडब्ल्यूए को राजनयिक छूट और विशेषाधिकार, और अस्तित्व और सेवाएं प्रदान करने का अधिकार दिया। इन कदमों के बाद क्षेत्र बी और क्षेत्र सी में यूएनआरडब्ल्यूए के काम को प्रतिबंधित करने के लिए त्वरित कदम और उपाय किए जाएंगे, जहां अधिकांश शरणार्थी, शिविर और यूएनआरडब्ल्यूए सुविधाएं स्थित हैं। इससे पहले उत्तरी गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए की उपस्थिति को समाप्त कर दिया गया था, इसके काम को प्रतिबंधित कर दिया गया था, और ट्रेन को छोड़कर दक्षिणी और मध्य गाजा में प्रवेश करने से सहायता रोक दी गई थी। यह यूएनआरडब्ल्यूए को बदनाम करने, इसकी वित्तीय सहायता को सीमित करने और धीरे-धीरे इसे सीरिया, लेबनान, जॉर्डन या किसी अन्य देश में शरणार्थियों को बसाने की मांग करने वाली संस्था में बदलने के अथक प्रयासों के अतिरिक्त है। यह वापसी के अधिकार के अंत की शुरुआत है, और जो लोग मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून, अंतरराष्ट्रीय समझौते, संयुक्त राष्ट्र, इसकी महासभा और इसकी सुरक्षा परिषद इजरायल को नियंत्रित और हतोत्साहित करेगी, वे गलत हैं और एक सपनों की दुनिया में रह रहे हैं। यह जंगल का कानून है. एक व्यापक विनाश और लाइव प्रसारण ने दुनिया को उन्हें रोकने के लिए प्रेरित नहीं किया, और इसलिए, न तो उनके खिलाफ हमारे आह्वान, न ही संघर्ष विराम, न ही खोखली निंदा, न ही झूठी चिंता, न ही महासचिव की झुंझलाहट, न ही अरब लीग का गुस्सा, न ही निंदा के बयान उपयोगी हैं, और शायद वे शरणार्थियों का अपमान करेंगे, और इसलिए, उनकी चुप्पी और बहरापन बहुत बेहतर होगा। हमारे, फ़िलिस्तीन समुदाय के सामने प्रश्न बना हुआ है: क्या वापसी का अधिकार वास्तव में पवित्र है?! नब्द अल-शाब साप्ताहिक समाचार पत्र, प्रधान संपादक, जाफ़र अल-ख़बौरी | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأربعاء أكتوبر 16, 2024 4:22 am | |
| الأحد 13 أكتوبر 2024 9:36 صباحًا - بتوقيت القدسالإصلاح الوطني وهندسة النظام السياسي [size=22]فهمي الزعارير[/size] منذ سنوات طويلة تجاوزت العقدين، تتم الدعوة لإصلاحات جوهرية في النظام السياسي الفلسطيني، في عهدي الرئيس الشهيد ياسر عرفات، والرئيس القائد الأخ أبو مازن، وقد حققت الضغوطات عدداً من التغييرات في النظام السياسي الفلسطيني، ومنذ حرب الإبادة والتطهير العرقي، قبل ما زاد على عام، زادت وتيرة الضغط لإحداث إصلاحات هيكلية جذرية، حد التحكم في النظام واتباعه كلياً، وتم الاصطلاح عليها بـ"السلطة المتجددة " مع وعد بالذهاب لتنشيطها لاحقاً مالياً ودعمها لوجستياً، وهي محاولات لهندسة النظام السياسي الفلسطيني، بحجة الإصلاح، والإصلاح في الظرف الصعب الذي يعيشه شعبنا، يبدو مطلباً وفق استطلاعات الرأي منذ أعوام التي تُظهر عدم الرضا الشعبي عن حالهم وحال النظام.
إن إنكار ضرورة إجراء إصلاحات في النظام السياسي الفلسطيني، بل النظام الوطني برمته، هو إنكار لصيرورة النظم ودينامياتها على نحو عام، وهو تقره القيادة السياسية والتنفيذية برئاسة الأخ الرئيس أبو مازن معلناً رغبته في الإصلاح الوطني، فالنظم عامة يعتريها الخلل والترهل والفساد والتكلس، وهذا طبيعي مع مفاعيل الزمن و"العوامل المساعدة" والمحركات الإعلامية ومعارضي النظم وخصومها وأعدائها، والنظم عموماً تحتاج إلى إصلاح وتحديث وتطوير على الدوام، كما أي نظام في أي دولة في العالم، ويجب أن يبقى الإصلاح مطلباً وطنياً تطويرياً خالصاً، وعلينا أن نَفْعَله نحن وبخططنا نحن، وإرادتنا الوطنية الخالصة نحن لا سوانا، وإلا فسيبقى حالنا يُؤخذ ذريعة للتدخل المباشر والمؤثر في نظامنا، فننتقل من إصلاح نظامنا وطنياً ووفق حاجتنا وبإرادتنا ولمصالحنا، إلى مرحلة هندسة نظامنا وفق رغبات خارجية، تُفقِد نظامنا روحه الوطنية وتتبعه خارجياً، وأبعد من ذلك، فقد رعت بعض القوى الخارجية المؤثرة، الخلل حد الإفساد بتأثيرها المباشر وغير المباشر، ذلك أن النظام غير المستقل، تؤثر فيه إرادات خارجية حد السيطرة عليه.
جهدت عديد الدول للمحافظة على السلطة الفلسطينية، باعتبار اتفاق إعلان المبادئ، الذي تم توقيعه في حديقة البيت الأبيض والمتعارف عليه بـ"اتفاق أوسلو" نسبة لمنشئه، وما نتج عنه مشروعاً ترعاه كيانات دولية، ويحرص "كيان الاحتلال" على إفراغه من مشروعه السياسي وإرادته الوطنية، وعلى إبقاء هذا المشروع "السلطة الوطنية"، ضعيفاً هشاً، بلا حاضنه شعبيه، وبلا قوة اقتصادية ولا شرعية ديمقراطية كاملة، بلا هيبة ولا مصداقية، ليسهل السيطرة عليه أو تفكيكه، فوصلنا لمرحلة، العوز المالي والضعف الاقتصادي، ما أثّر في تآكل القيم الاجتماعية والروابط التضامنية وانحسار التكافل، وانهيار السمعة، وصولاً حد الاتهام والإدانة الشعبية في الرأي العام الشعبي، وهناك شعور عام بعدم الثقة حد الفساد، شعور تدعمه الاستطلاعات الصحيح منها كما المزيّف، وقد تجاوز هذا الرأي فلسطين والفلسطينيين، عبر لوبيات إعلامية متنوعة، وصلت لرأي الأمة وبعضٌ عالمي، وتراجع الأمن الشخصي والعام حد أخذ القانون باليد من البعض، وتفشي الجهوية وبعضُ عصابات.
ويتم استغلال ذلك لغاية الحديث المستمر والضغط المتواصل لـ"الإصلاح الخارجي"، لأن الإصلاح بذاته مصلحة وطنية فلسطينية، يتم استغلال مفهومه، لفرض ايقاعٍ خاص، يُغيّر مهام ووظائف السلطة الوطنية، من سلطة مرحلية نحو الاستقلال، إلى "سلطةٍ وظيفيةٍ محكومة" لتجذير الاحتلال، وهو ما لا يمكن قبوله، في أي مستوى في القيادة الفلسطينية، ولا يَسمح به الشعب الفلسطيني.
لكن هذا يأتي متزامناً مع حرب تاريخيّة على قطاع غزة والضفة الغربية، الأمر الذي يدفع بحتمية الاختيار بين انتهاء المشروع الوطني مرحلياً، عبر إنهاء سلطته الوطنية، إلى سلطات وإدارات وفق إيقاع الإرادة الخارجية، أي؛ تصميم النظام السياسي الفلسطيني بما يخدم المشروع الدولي، كأداة وظيفية بعيداً عن الحقوق السياسية والوطنية والمدنية للشعب الفلسطيني، واندماج في شرق أوسطٍ جديد سيده كيان الاحتلال.
واقع الحال الرخو حد التفكك، يُوجب البحث عن تكييف للاستجابة، لناحية المزاوجة بين الحاجة الوطنية الفلسطينية للإصلاح، كضرورة واجبة التنفيذ، ونزع الذرائع للمطالب الخارجية الإقليمية والدولية للإصلاح، فنحن قطعاً لا نمتلك القدرة للعيش منفردين، في ظل أننا ما زلنا دولة تحت الاحتلال، يتحكم الاحتلال في حركتنا الانتقالية وحتى الموضعية، وتنقلنا القصير في الضفة كما القطاع، يراقب قولنا وفعلنا وسلوكنا اليومي، ويتحكم في غذائنا وتجارتنا ومسكننا ومزارعنا… والتحكم بثرواتنا حتى مائنا المسروق نشتريه منهم، وتُنهب ثرواتنا الطبيعية ومنها غاز الضفة مثل غاز غزة، "فما تحت الأرض ليس تحت سلطتنا كما الجو والمجال الكهرومغناطيسي"، ومعابرنا وأموالنا من عوائد الجمارك والضرائب ليست بأيدينا بل أيديهم، ولا نملك أيّاً من مظاهر السيادة الحقيقية، حتى ما نظنه على المواطن، الذي يعلم أنه تحت أكثر من سُلطة. التحدي الحقيقي والمصيري هو تحويل مُطالبات الإصلاح الخارجية، وهي في الجوهر محاولات لهندسة النظام السياسي واتباعه كلياً لجهات إقليمية ودولية، التحدي هو تحويلها إلى إصلاح وطني، يُعبر عن حاجة النظام ورغبة الشعب في حمايته ورعايته وفق مصالح الشعب الفلسطيني، واستكمال مشروع التحرر والبناء الوطني، وربط أي استجابة للمقترحات الخارجية، حتى لو كانت بتوسط ورعاية عربية وإسلامية، بمكاسب سياسية وطنية. إن الطريق الفعّال والناجع والمضمون للإصلاح الوطني، واضعاف الضغط الدولي والإقليمي، لهندسة نظامنا من بوابة الإصلاح يكمن في توسيع دائرة المشاركة في الإصلاح عبر المؤسسات وبطرقٍ قانونية نزيهة وشفافة، في إطار تشريعي جامع، وبحصانة قانونية قاطعةٍ وباته، ومما يمكن اقتراحه توالياً:
- تحديد أجندة الإصلاح الحكومي، في كل مسار، وقد جرت محاولات يمكن الاستفادة منها قطعاً، على المستوى الحكومي، في عهدي د. رامي الحمد الله، وعهد د. محمد اشتيه توالياً، وكلاهما فعّلَ أجندة الإصلاح في اطارات السلطة وأجهزتها التنفيذية، وهو مجال اختصاص رئيس الوزراء وحكومته، دون أن نتجاوز دور حكومة د.سلام فياض، التي جاءت عقب الانقلاب، وتحملت مسؤوليات جسيمة. هذه الأجندات على المستويين الاجتماعي والاقتصادي، والحوكمة الرشيدة، لم تُوفّر لها الإمكانات الدولية للنجاح.
بيد أن هذا يرتبط مباشرة بحياة الناس، أمنهم وصحتهم وكرامتهم وتعليمهم، لأن الحكومة والسلطة التنفيذية تدير حياة الناس اليومية وتنظم شأنهم في إطار التسهيل عليهم.
- حال تحديد احتياجنا هذا وتعديل رؤيتنا لنسختها الأخيرة، الموضوعة من الحكومة السابقة، والمستهدفة بالتطوير من الحكومة الحالية برئاسة د.محمد مصطفى، يتطلب مشاركة شعبية، ومشاركة المجتمع الأهلي والمدني، والمجتمع السياسي لننطلق في عملية الإصلاح، إصلاح شامل لأجل مستقبلنا كشعب، ومستقبل قضيتنا، بإرادتنا وليس إرضاءً لآخرين.
- لكننا مطالبون وطنياً قبل ذلك أو بالتزامن معه توازياً، بإصلاح النظام الوطني، أولاً: الديمقراطي الفصائلي، ثم النظام الديمقراطي الوطني في منظمة التحرير، ثم الأنظمة المختلفة والسلطات الثلاث في الدولة (نواتها القائمة السلطة الوطنية)، وبكل حال يجب جمع الاحتياجات وتبويب الأولويات.
هذا يتطلب وضع آليات ضامنة لتفعيل المسار الديمقراطي في كل الفصائل، الأحزاب والجبهات والحركات المنضوية في إطار المنظمة وعقد مؤتمراتها بإشراف إداري وقضائي رسمي ووطني، يضمن نزاهة انتخاباتها، ومواءمة برامجها السياسية والاجتماعية والاقتصادية، مع برامج منظمة التحرير وحكومة دولة فلسطين، كأحد شروط عضويتها وتمثيلها فيها، ثم بناء المؤسسات المختلفة في المنظمة بشكلها الجديد اعتماداً على حرية الاختيار الحزبي أو الحركي أو الجبهوي في إطار تعددية حزبية، ليصار إلى ائتلاف جبهوي وديمقراطي داخل مؤسسات المنظمة، التنفيذية والتشريعية، ليعبر عن قواعد الفصائل.
- ربط الإصلاح الهيكلي، الوظيفي أو القيادي، بالقانون، مع تحصين التعديلات القانونية عبر المؤسسات التشريعية -أطر موسعة-، ذات إرادة مستقلة، وفي حال إعلان البرلمان الانتقالي أو المجلس التأسيسي عبر المجلس المركزي، يمكننا تحصين عملية الإصلاح الوطني أكثر من تركها على حالها، بلا أطر تشريعية موسعة، ذلك أن الضغط والمساومات، على الأفراد والأطر الضيقة، أسهل وأنجع منه على الأطر الموسعة، ولهذا فإن الضغط على السلطة التنفيذية دائماً أسهل من الضغط على السلطة التشريعية، والضغط على الفرد أسهل من الضغط على الجماعة.
من شواهد متعدده في الأنظمة المختلفة عربياً وإسلامياً، آسيوياً وأفريقياً ولاتينياً، يتسرب إلى مشهد القيادة بعضٌ مدعومٌ من جهاتٍ هو مكسورٌ أمامها، يُنفّذ أجنداتها وأوامرها- تُسمى شعبياً "إلُه إيد بتوجعه"، لأن من له يدٌ تؤلمه، لا يتجرأ على عراك..! لذا توسيع دوائر المشاركة يُشكّل تحصيناً أعلى نسبياً في غالب الأحوال، حتى لو تسرب لها بعضٌ من سابقي الذكر.
مطالبات الإصلاح، في ذروتها، تغيير المناهج، أي تغيير البناء الفكري بتغيير "حشوة الرأس لا فروة الرأس"، تغيير الاعتزاز بنضالات شعبنا، من بوابة الشهداء والأسرى والجرحى، أي تغيير الوجدان الوطني، إلى التنكر لها، وتغيير في الأشخاص القادة، لأن المطلوب هندسة النظام وإتباعه كلياً، وليس إصلاحه واستقلاله، فالمطلوب "سلطان مأمور" لا "دستورٌ آمر"، هكذا ترى بين النخب السياسية من لم ترَهُ يوماً في فعلٍ نضالي، أو مندساً في صفوفها، وهكذا ترى أيضاً بعض ذوي السمعة البائسة، والفعل المشين، في مقدمة الصف، وكثيرون في كل النظم يقررون فيه ولا تراهم بل ولن تراهم.
ولأن الإصلاح يجب أن يخدم المصالح الوطنية العليا لشعبنا، ومصالحه- حقوقه وحرياته- العامة والخاصة، يجب أن يُعبر عنه ويُشارك به بذاته، بإرادة وطنية حرة، وتقليل تأثير اللاعبين العابثين بقدر المستطاع، دون إغفال تأثيرهم. | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأحد أكتوبر 20, 2024 8:24 pm | |
| У неділю Палестинська адміністрація у справах ув'язнених і колишніх ув'язнених виявила "масові репресії" проти палестинських ув'язнених в ізраїльських в'язницях 7 жовтня. Про це йдеться в заяві організації, пов’язаної з Організацією визволення Палестини, в якій вона представила свідчення ув’язнених в ізраїльських в’язницях після того, як кілька її адвокатів нещодавно змогли відвідати їх. З початку геноциду, вчиненого Ізраїлем у секторі Газа 7 жовтня 2023 року, ізраїльські, палестинські та міжнародні правозахисні організації говорили про погіршення умов в ізраїльських в'язницях, особливо в сумнозвісній дамбі Теман. Влада заявила: «Адміністрація (ізраїльської) окупаційної в’язниці здійснила масові вторгнення в кілька в’язниць 7 жовтня в рамках політики колективної помсти, яка є найбільш помітною систематичною політикою окупаційної тюремної системи проти в’язнів і затриманих. .” Комісія процитувала слова затриманого, який обмежив своє ім’я двома літерами (L.T.) у в’язниці Офер, на захід від Рамалли, посеред окупованого Західного берега: «Репресивні сили штурмували всі відділи, розпилювали сльозогінний газ і били більшість затриманих». Інший ув’язнений у цій же в’язниці додав: «Репресивні сили напали на затриманих у відділенні, де вони перебували, в результаті чого отримали легкі тілесні ушкодження», – йдеться у повідомленні. Третій затриманий заявив: «Кілька затриманих внаслідок репресій досі страждають від наслідків побиття, а останні репресії, обшуки та приниження посилюються, хоча вони фактично не припинялися з самого початку». війни до сьогодні». У в’язниці Раймонд на півдні Ізраїлю група затриманих повідомила юристам Комісії, що «репресивні сили увірвалися в їхні секції, зв’язали їх усіх і перевели на подвір’я в’язниці в принизливих і принизливих умовах і побили». У заяві комісії зазначено, що "тюремна адміністрація Ізраїлю навмисно знімала процес репресій, і більшість затриманих отримали забої грудей і спини". Загальна кількість ув'язнених палестинців з цієї дати перевищила 11 300 палестинців із Західного берега, включаючи Єрусалим, згідно з установами для ув'язнених, тоді як точні цифри для ув'язнених у секторі Газа відсутні через ізраїльське відключення світла. Щотижневий журнал Revealing the facts, головний редактор Джаафар Аль-Хабурі | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأحد أكتوبر 20, 2024 8:24 pm | |
| Die Palestynse Owerheid vir Gevangenes en Oud-Gevangenes Sake het Sondag op 7 Oktober “massiewe onderdrukking” teen Palestynse gevangenes in Israeliese tronke onthul. Dit kom volgens 'n verklaring deur die liggaam verbonde aan die Palestynse Bevrydingsorganisasie, waarin dit die getuienisse van aangehoudenes in Israeliese tronke aangebied het nadat 'n aantal van sy prokureurs hulle onlangs kon besoek. Sedert die begin van die volksmoord wat Israel op 7 Oktober 2023 in die Gazastrook gepleeg het, het Israeliese, Palestynse en internasionale menseregte-organisasies gepraat oor die verslegtende toestande in Israeliese tronke, veral in die berugte Teman-dam. Die owerheid het gesê: "Die (Israeliese) besettingsgevangenisadministrasie het op 7 Oktober massiewe invalle in verskeie tronke uitgevoer, binne die raamwerk van die beleid van kollektiewe wraak, wat die mees prominente sistematiese beleid uitmaak wat deur die besettingsgevangenisstelsel teen gevangenes en gevangenes gevolg word. .” Die Kommissie het 'n aangehoudene wat sy naam beperk het tot twee letters (L.T.) in die Ofer-gevangenis, wes van Ramallah, in die middel van die besette Wesoewer, aangehaal en gesê: “Die onderdrukkingsmagte het al die departemente bestorm, traangas gespuit en geslaan. die meerderheid van die aangehoudenes.” Nog 'n aangehoudene in dieselfde tronk het bygevoeg: "Die onderdrukkende magte het die aangehoudenes aangerand in die afdeling waar hulle aangehou is, wat tot geringe beserings gelei het," lui die verklaring. 'n Derde aangehoudene het gesê: "'n Aantal aangehoudenes, as gevolg van die onderdrukking, ly steeds onder die gevolge van slae, en die onlangse onderdrukking, soektogte en vernederingsoperasies neem toe, al het hulle sedert die begin nie eintlik opgehou nie. van die oorlog tot vandag toe." In die Raymond-gevangenis in die suide van Israel het 'n groep aangehoudenes aan die Kommissie se prokureurs gerapporteer dat "onderdrukkende magte hul afdelings bestorm het, hulle almal vasgebind het en hulle na die gevangeniswerf oorgeplaas het, in vernederende en vernederende toestande, en hulle geslaan het." Die Kommissie se verklaring het aangedui dat "die Israeliese Gevangenisadministrasie doelbewus die onderdrukkingsproses verfilm het, en die meerderheid van die aangehoudenes het kneusplekke in die bors en rug opgedoen." Die totale aantal Palestynse gevangenes sedert daardie datum het 11 300 Palestyne van die Wesoewer, insluitend Jerusalem, oorskry, volgens gevangene-instellings, terwyl akkurate getalle vir gevangenes in die Gaza-strook afwesig is weens die Israeliese verduistering. Onthulling van die feite weeklikse tydskrif, hoofredakteur, Jaafar Al-Khabouri | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأحد أكتوبر 20, 2024 8:24 pm | |
| Την Κυριακή, η Παλαιστινιακή Αρχή για Υποθέσεις Κρατουμένων και Πρώην Κρατουμένων αποκάλυψε «μαζική καταστολή» εναντίον Παλαιστινίων κρατουμένων στις ισραηλινές φυλακές στις 7 Οκτωβρίου. Αυτό έγινε σύμφωνα με δήλωση του σώματος που συνδέεται με την Οργάνωση για την Απελευθέρωση της Παλαιστίνης, στην οποία παρουσίασε τις μαρτυρίες κρατουμένων στις ισραηλινές φυλακές, αφού αρκετοί δικηγόροι του μπόρεσαν να τους επισκεφθούν πρόσφατα. Από την αρχή της γενοκτονίας που διέπραξε το Ισραήλ στη Λωρίδα της Γάζας στις 7 Οκτωβρίου 2023, ισραηλινοί, παλαιστινιακές και διεθνείς οργανώσεις ανθρωπίνων δικαιωμάτων έχουν μιλήσει για την επιδείνωση των συνθηκών στις ισραηλινές φυλακές, ειδικά στο περιβόητο φράγμα Teman. Η αρχή είπε: «Η διοίκηση των κατοχικών φυλακών (ισραηλινή) πραγματοποίησε μαζικές εισβολές σε πολλές φυλακές στις 7 Οκτωβρίου, στο πλαίσιο της πολιτικής της συλλογικής εκδίκησης, η οποία αποτελεί την πιο εξέχουσα συστηματική πολιτική που ακολουθεί το σύστημα κατοχικών φυλακών κατά κρατουμένων και κρατουμένων. .» Η Επιτροπή ανέφερε ότι ένας κρατούμενος που περιόρισε το όνομά του σε δύο γράμματα (L.T.) στη φυλακή Ofer, δυτικά της Ραμάλα, στη μέση της κατεχόμενης Δυτικής Όχθης, είπε: «Οι δυνάμεις καταστολής εισέβαλαν σε όλα τα τμήματα, ψέκασαν δακρυγόνα και χτύπησαν η πλειοψηφία των κρατουμένων». Ένας άλλος κρατούμενος στην ίδια φυλακή πρόσθεσε: «Οι δυνάμεις καταστολής επιτέθηκαν στους κρατούμενους στο τμήμα όπου κρατούνταν, με αποτέλεσμα να τραυματιστούν ελαφρά», σύμφωνα με την ανακοίνωση. Ένας τρίτος κρατούμενος δήλωσε: «Κάποιοι κρατούμενοι, ως αποτέλεσμα της καταστολής, εξακολουθούν να υποφέρουν από τις συνέπειες των ξυλοδαρμών και οι πρόσφατες επιχειρήσεις καταστολής, ερευνών και εξευτελισμού κλιμακώνονται, παρόλο που στην πραγματικότητα δεν έχουν σταματήσει από την αρχή. του πολέμου μέχρι σήμερα». Στη φυλακή Raymond στο νότιο Ισραήλ, μια ομάδα κρατουμένων ανέφερε στους δικηγόρους της Επιτροπής ότι «δυνάμεις καταστολής εισέβαλαν στα τμήματα τους, τους έδεσαν όλους και τους μετέφεραν στην αυλή της φυλακής, υπό ταπεινωτικές και εξευτελιστικές συνθήκες, και τους ξυλοκόπησαν». Η δήλωση της Επιτροπής ανέφερε ότι «η Διοίκηση των Φυλακών του Ισραήλ σκόπιμα κινηματογράφησε τη διαδικασία καταστολής και η πλειοψηφία των κρατουμένων υπέστη μώλωπες στο στήθος και την πλάτη». Ο συνολικός αριθμός των Παλαιστινίων κρατουμένων από εκείνη την ημερομηνία έχει ξεπεράσει τους 11.300 Παλαιστίνιους από τη Δυτική Όχθη, συμπεριλαμβανομένης της Ιερουσαλήμ, σύμφωνα με τα ιδρύματα κρατουμένων, ενώ ακριβείς αριθμοί για τους κρατούμενους στη Λωρίδα της Γάζας απουσιάζουν λόγω του ισραηλινού μπλακάουτ. εβδομαδιαίο περιοδικό αποκαλύπτοντας τα γεγονότα, αρχισυντάκτης, Jaafar Al-Khabouri | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الأربعاء أكتوبر 23, 2024 3:49 am | |
| سورة الرعد - سورة 13 - عدد آياتها 43
بسم الله الرحمن الرحيم
المر تِلْكَ آيَاتُ الْكِتَابِ وَالَّذِيَ أُنزِلَ إِلَيْكَ مِن رَّبِّكَ الْحَقُّ وَلَكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لاَ يُؤْمِنُونَ
اللَّهُ الَّذِي رَفَعَ السَّمَاوَاتِ بِغَيْرِ عَمَدٍ تَرَوْنَهَا ثُمَّ اسْتَوَى عَلَى الْعَرْشِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ كُلٌّ يَجْرِي لأَجَلٍ مُّسَمًّى يُدَبِّرُ الأَمْرَ يُفَصِّلُ الآيَاتِ لَعَلَّكُم بِلِقَاء رَبِّكُمْ تُوقِنُونَ
وَهُوَ الَّذِي مَدَّ الأَرْضَ وَجَعَلَ فِيهَا رَوَاسِيَ وَأَنْهَارًا وَمِن كُلِّ الثَّمَرَاتِ جَعَلَ فِيهَا زَوْجَيْنِ اثْنَيْنِ يُغْشِي اللَّيْلَ النَّهَارَ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ
وَفِي الأَرْضِ قِطَعٌ مُّتَجَاوِرَاتٌ وَجَنَّاتٌ مِّنْ أَعْنَابٍ وَزَرْعٌ وَنَخِيلٌ صِنْوَانٌ وَغَيْرُ صِنْوَانٍ يُسْقَى بِمَاء وَاحِدٍ وَنُفَضِّلُ بَعْضَهَا عَلَى بَعْضٍ فِي الأُكُلِ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَعْقِلُونَ
وَإِن تَعْجَبْ فَعَجَبٌ قَوْلُهُمْ أَئِذَا كُنَّا تُرَابًا أَئِنَّا لَفِي خَلْقٍ جَدِيدٍ أُوْلَئِكَ الَّذِينَ كَفَرُواْ بِرَبِّهِمْ وَأُولَئِكَ الأَغْلالُ فِي أَعْنَاقِهِمْ وَأُولَئِكَ أَصْحَابُ النَّارِ هُمْ فِيهَا خَالِدُونَ
وَيَسْتَعْجِلُونَكَ بِالسَّيِّئَةِ قَبْلَ الْحَسَنَةِ وَقَدْ خَلَتْ مِن قَبْلِهِمُ الْمَثُلاتُ وَإِنَّ رَبَّكَ لَذُو مَغْفِرَةٍ لِّلنَّاسِ عَلَى ظُلْمِهِمْ وَإِنَّ رَبَّكَ لَشَدِيدُ الْعِقَابِ
وَيَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُواْ لَوْلا أُنزِلَ عَلَيْهِ آيَةٌ مِّن رَّبِّهِ إِنَّمَا أَنتَ مُنذِرٌ وَلِكُلِّ قَوْمٍ هَادٍ
اللَّهُ يَعْلَمُ مَا تَحْمِلُ كُلُّ أُنثَى وَمَا تَغِيضُ الأَرْحَامُ وَمَا تَزْدَادُ وَكُلُّ شَيْءٍ عِندَهُ بِمِقْدَارٍ
عَالِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ الْكَبِيرُ الْمُتَعَالِ
سَوَاء مِّنكُم مَّنْ أَسَرَّ الْقَوْلَ وَمَن جَهَرَ بِهِ وَمَنْ هُوَ مُسْتَخْفٍ بِاللَّيْلِ وَسَارِبٌ بِالنَّهَارِ
لَهُ مُعَقِّبَاتٌ مِّن بَيْنِ يَدَيْهِ وَمِنْ خَلْفِهِ يَحْفَظُونَهُ مِنْ أَمْرِ اللَّهِ إِنَّ اللَّهَ لاَ يُغَيِّرُ مَا بِقَوْمٍ حَتَّى يُغَيِّرُواْ مَا بِأَنفُسِهِمْ وَإِذَا أَرَادَ اللَّهُ بِقَوْمٍ سُوءًا فَلاَ مَرَدَّ لَهُ وَمَا لَهُم مِّن دُونِهِ مِن وَالٍ
هُوَ الَّذِي يُرِيكُمُ الْبَرْقَ خَوْفًا وَطَمَعًا وَيُنْشِئُ السَّحَابَ الثِّقَالَ
وَيُسَبِّحُ الرَّعْدُ بِحَمْدِهِ وَالْمَلائِكَةُ مِنْ خِيفَتِهِ وَيُرْسِلُ الصَّوَاعِقَ فَيُصِيبُ بِهَا مَن يَشَاء وَهُمْ يُجَادِلُونَ فِي اللَّهِ وَهُوَ شَدِيدُ الْمِحَالِ
لَهُ دَعْوَةُ الْحَقِّ وَالَّذِينَ يَدْعُونَ مِن دُونِهِ لاَ يَسْتَجِيبُونَ لَهُم بِشَيْءٍ إِلاَّ كَبَاسِطِ كَفَّيْهِ إِلَى الْمَاء لِيَبْلُغَ فَاهُ وَمَا هُوَ بِبَالِغِهِ وَمَا دُعَاء الْكَافِرِينَ إِلاَّ فِي ضَلالٍ
وَلِلَّهِ يَسْجُدُ مَن فِي السَّمَاوَاتِ وَالأَرْضِ طَوْعًا وَكَرْهًا وَظِلالُهُم بِالْغُدُوِّ وَالآصَالِ
قُلْ مَن رَّبُّ السَّمَاوَاتِ وَالأَرْضِ قُلِ اللَّهُ قُلْ أَفَاتَّخَذْتُم مِّن دُونِهِ أَوْلِيَاء لاَ يَمْلِكُونَ لِأَنفُسِهِمْ نَفْعًا وَلاَ ضَرًّا قُلْ هَلْ يَسْتَوِي الأَعْمَى وَالْبَصِيرُ أَمْ هَلْ تَسْتَوِي الظُّلُمَاتُ وَالنُّورُ أَمْ جَعَلُواْ لِلَّهِ شُرَكَاء خَلَقُواْ كَخَلْقِهِ فَتَشَابَهَ الْخَلْقُ عَلَيْهِمْ قُلِ اللَّهُ خَالِقُ كُلِّ شَيْءٍ وَهُوَ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ
أَنزَلَ مِنَ السَّمَاء مَاء فَسَالَتْ أَوْدِيَةٌ بِقَدَرِهَا فَاحْتَمَلَ السَّيْلُ زَبَدًا رَّابِيًا وَمِمَّا يُوقِدُونَ عَلَيْهِ فِي النَّارِ ابْتِغَاء حِلْيَةٍ أَوْ مَتَاعٍ زَبَدٌ مِّثْلُهُ كَذَلِكَ يَضْرِبُ اللَّهُ الْحَقَّ وَالْبَاطِلَ فَأَمَّا الزَّبَدُ فَيَذْهَبُ جُفَاء وَأَمَّا مَا يَنفَعُ النَّاسَ فَيَمْكُثُ فِي الأَرْضِ كَذَلِكَ يَضْرِبُ اللَّهُ الأَمْثَالَ
لِلَّذِينَ اسْتَجَابُواْ لِرَبِّهِمُ الْحُسْنَى وَالَّذِينَ لَمْ يَسْتَجِيبُواْ لَهُ لَوْ أَنَّ لَهُم مَّا فِي الأَرْضِ جَمِيعًا وَمِثْلَهُ مَعَهُ لافْتَدَوْا بِهِ أُوْلَئِكَ لَهُمْ سُوءُ الْحِسَابِ وَمَأْوَاهُمْ جَهَنَّمُ وَبِئْسَ الْمِهَادُ
أَفَمَن يَعْلَمُ أَنَّمَا أُنزِلَ إِلَيْكَ مِن رَبِّكَ الْحَقُّ كَمَنْ هُوَ أَعْمَى إِنَّمَا يَتَذَكَّرُ أُوْلُواْ الأَلْبَابِ
الَّذِينَ يُوفُونَ بِعَهْدِ اللَّهِ وَلاَ يَنقُضُونَ الْمِيثَاقَ
وَالَّذِينَ يَصِلُونَ مَا أَمَرَ اللَّهُ بِهِ أَن يُوصَلَ وَيَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ وَيَخَافُونَ سُوءَ الْحِسَابِ
وَالَّذِينَ صَبَرُواْ ابْتِغَاء وَجْهِ رَبِّهِمْ وَأَقَامُواْ الصَّلاةَ وَأَنفَقُواْ مِمَّا رَزَقْنَاهُمْ سِرًّا وَعَلانِيَةً وَيَدْرَؤُونَ بِالْحَسَنَةِ السَّيِّئَةَ أُوْلَئِكَ لَهُمْ عُقْبَى الدَّارِ
جَنَّاتُ عَدْنٍ يَدْخُلُونَهَا وَمَنْ صَلَحَ مِنْ آبَائِهِمْ وَأَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّيَّاتِهِمْ وَالْمَلائِكَةُ يَدْخُلُونَ عَلَيْهِم مِّن كُلِّ بَابٍ
سَلامٌ عَلَيْكُم بِمَا صَبَرْتُمْ فَنِعْمَ عُقْبَى الدَّارِ
وَالَّذِينَ يَنقُضُونَ عَهْدَ اللَّهِ مِن بَعْدِ مِيثَاقِهِ وَيَقْطَعُونَ مَا أَمَرَ اللَّهُ بِهِ أَن يُوصَلَ وَيُفْسِدُونَ فِي الأَرْضِ أُوْلَئِكَ لَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوءُ الدَّارِ
اللَّهُ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَشَاء وَيَقْدِرُ وَفَرِحُواْ بِالْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَمَا الْحَيَاةُ الدُّنْيَا فِي الآخِرَةِ إِلاَّ مَتَاعٌ
وَيَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُواْ لَوْلاَ أُنزِلَ عَلَيْهِ آيَةٌ مِّن رَّبِّهِ قُلْ إِنَّ اللَّهَ يُضِلُّ مَن يَشَاء وَيَهْدِي إِلَيْهِ مَنْ أَنَابَ
الَّذِينَ آمَنُواْ وَتَطْمَئِنُّ قُلُوبُهُم بِذِكْرِ اللَّهِ أَلاَ بِذِكْرِ اللَّهِ تَطْمَئِنُّ الْقُلُوبُ
الَّذِينَ آمَنُواْ وَعَمِلُواْ الصَّالِحَاتِ طُوبَى لَهُمْ وَحُسْنُ مَآبٍ
كَذَلِكَ أَرْسَلْنَاكَ فِي أُمَّةٍ قَدْ خَلَتْ مِن قَبْلِهَا أُمَمٌ لِّتَتْلُوَ عَلَيْهِمُ الَّذِيَ أَوْحَيْنَا إِلَيْكَ وَهُمْ يَكْفُرُونَ بِالرَّحْمَنِ قُلْ هُوَ رَبِّي لا إِلَهَ إِلاَّ هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَإِلَيْهِ مَتَابِ
وَلَوْ أَنَّ قُرْآنًا سُيِّرَتْ بِهِ الْجِبَالُ أَوْ قُطِّعَتْ بِهِ الأَرْضُ أَوْ كُلِّمَ بِهِ الْمَوْتَى بَل لِّلَّهِ الأَمْرُ جَمِيعًا أَفَلَمْ يَيْأَسِ الَّذِينَ آمَنُواْ أَن لَّوْ يَشَاء اللَّهُ لَهَدَى النَّاسَ جَمِيعًا وَلاَ يَزَالُ الَّذِينَ كَفَرُواْ تُصِيبُهُم بِمَا صَنَعُواْ قَارِعَةٌ أَوْ تَحُلُّ قَرِيبًا مِّن دَارِهِمْ حَتَّى يَأْتِيَ وَعْدُ اللَّهِ إِنَّ اللَّهَ لاَ يُخْلِفُ الْمِيعَادَ
وَلَقَدِ اسْتُهْزِئَ بِرُسُلٍ مِّن قَبْلِكَ فَأَمْلَيْتُ لِلَّذِينَ كَفَرُواْ ثُمَّ أَخَذْتُهُمْ فَكَيْفَ كَانَ عِقَابِ
أَفَمَنْ هُوَ قَائِمٌ عَلَى كُلِّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ وَجَعَلُواْ لِلَّهِ شُرَكَاء قُلْ سَمُّوهُمْ أَمْ تُنَبِّئُونَهُ بِمَا لاَ يَعْلَمُ فِي الأَرْضِ أَم بِظَاهِرٍ مِّنَ الْقَوْلِ بَلْ زُيِّنَ لِلَّذِينَ كَفَرُواْ مَكْرُهُمْ وَصُدُّواْ عَنِ السَّبِيلِ وَمَن يُضْلِلِ اللَّهُ فَمَا لَهُ مِنْ هَادٍ
لَّهُمْ عَذَابٌ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَلَعَذَابُ الآخِرَةِ أَشَقُّ وَمَا لَهُم مِّنَ اللَّهِ مِن وَاقٍ
مَّثَلُ الْجَنَّةِ الَّتِي وُعِدَ الْمُتَّقُونَ تَجْرِي مِن تَحْتِهَا الأَنْهَارُ أُكُلُهَا دَائِمٌ وَظِلُّهَا تِلْكَ عُقْبَى الَّذِينَ اتَّقَواْ وَّعُقْبَى الْكَافِرِينَ النَّارُ
وَالَّذِينَ آتَيْنَاهُمُ الْكِتَابَ يَفْرَحُونَ بِمَا أُنزِلَ إِلَيْكَ وَمِنَ الأَحْزَابِ مَن يُنكِرُ بَعْضَهُ قُلْ إِنَّمَا أُمِرْتُ أَنْ أَعْبُدَ اللَّهَ وَلا أُشْرِكَ بِهِ إِلَيْهِ أَدْعُو وَإِلَيْهِ مَآبِ
وَكَذَلِكَ أَنزَلْنَاهُ حُكْمًا عَرَبِيًّا وَلَئِنِ اتَّبَعْتَ أَهْوَاءهُم بَعْدَ مَا جَاءَكَ مِنَ الْعِلْمِ مَا لَكَ مِنَ اللَّهِ مِن وَلِيٍّ وَلاَ وَاقٍ
وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا رُسُلاً مِّن قَبْلِكَ وَجَعَلْنَا لَهُمْ أَزْوَاجًا وَذُرِّيَّةً وَمَا كَانَ لِرَسُولٍ أَن يَأْتِيَ بِآيَةٍ إِلاَّ بِإِذْنِ اللَّهِ لِكُلِّ أَجَلٍ كِتَابٌ
يَمْحُو اللَّهُ مَا يَشَاء وَيُثْبِتُ وَعِندَهُ أُمُّ الْكِتَابِ
وَإِن مَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِي نَعِدُهُمْ أَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِنَّمَا عَلَيْكَ الْبَلاغُ وَعَلَيْنَا الْحِسَابُ
أَوَلَمْ يَرَوْا أَنَّا نَأْتِي الأَرْضَ نَنقُصُهَا مِنْ أَطْرَافِهَا وَاللَّهُ يَحْكُمُ لاَ مُعَقِّبَ لِحُكْمِهِ وَهُوَ سَرِيعُ الْحِسَابِ
وَقَدْ مَكَرَ الَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ فَلِلَّهِ الْمَكْرُ جَمِيعًا يَعْلَمُ مَا تَكْسِبُ كُلُّ نَفْسٍ وَسَيَعْلَمُ الْكُفَّارُ لِمَنْ عُقْبَى الدَّارِ
وَيَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُواْ لَسْتَ مُرْسَلاً قُلْ كَفَى بِاللَّهِ شَهِيدًا بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ وَمَنْ عِندَهُ عِلْمُ الْكِتَابِ
الفهرست | |
| | | جعفر الخابوري المراقب العام
عدد المساهمات : 11020 تاريخ التسجيل : 16/02/2010 العمر : 54
| موضوع: رد: مجلة جمهورية مصر العربية الاسبوعيه رئيس التحرير جعفر الخابوري الثلاثاء نوفمبر 05, 2024 9:39 pm | |
| गाजा पट्टी में नागरिक सुरक्षा प्रवक्ता, महमूद बसल ने आज, रविवार को पुष्टि की, कि "इजरायली कब्जे ने, चौबीसों घंटे, बसे हुए नागरिकों के घरों पर बमबारी करना बंद नहीं किया है, खासकर पट्टी के उत्तरी क्षेत्रों में।" उन्होंने कहा, "बमबारी से बड़ी संख्या में इमारतें और बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए और सेवा प्रदाता भी इस बमबारी से बच नहीं पाए।" बसल ने बताया कि "इजरायली तोपखाने और ड्रोन नागरिकों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करते हैं, जिससे लगातार भय और दहशत की स्थिति पैदा होती है।" उन्होंने आगे कहा, "अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और मानवीय संस्थानों से हमने जो भी अपीलें कीं, वास्तविकता को बदलने में कोई फायदा नहीं हुआ," यह देखते हुए कि उत्तरी गाजा पट्टी में नागरिक सुरक्षा प्रणाली का काम बंद हो गया था और उन्हें बचाव कार्यों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं थी। . बेसल ने पुष्टि की कि कब्जे ने 400 दिनों से अधिक की अवधि के लिए नागरिक सुरक्षा वाहनों और उपकरणों के प्रवेश को रोक दिया, जो "नागरिक सुरक्षा को पक्षाघात की स्थिति में रखने और घटनाओं पर प्रतिक्रिया करने में असमर्थता" की आवश्यकता पर बल देते हुए दर्शाता है। "पट्टी पर युद्ध के आलोक में हमारे लोगों को मानवीय सेवा" प्रदान करना और नागरिक सुरक्षा दल बिना किसी बाधा के अपना काम जारी रखना चाहते हैं। बसल ने आगे कहा, "उत्तरी गाजा में हमारे 100,000 से अधिक नागरिक हैं जिनके पास भोजन, पेय और दवा की कमी है, और हम उन्हें कोई सहायता प्रदान करने में असमर्थ हैं।" उन्होंने "दुनिया के स्वतंत्र लोगों से सेवा प्रदाताओं को मानवीय कानूनों के अनुसार अपने मानवीय कर्तव्य निभाने में सक्षम बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव डालने का आह्वान करते हुए निष्कर्ष निकाला।" तथ्यों का खुलासा करते हुए साप्ताहिक पत्रिका, प्रधान संपादक, जाफ़र अल-ख़बौरीवाशिंगटन - सईद एरेकाट
संयुक्त राज्य अमेरिका ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की निंदा की। अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को रामल्ला के पास लगभग 20 कारों को जलाए जाने के बाद चिंता व्यक्त करते हुए इज़राइल से वेस्ट बैंक में बसने वालों की हिंसा के संबंध में कार्रवाई करने का आग्रह किया। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका वेस्ट बैंक में बढ़ती चरमपंथी हिंसा की इन और अन्य हालिया रिपोर्टों से बहुत चिंतित है।" सोमवार को कारों को जलाने के अलावा, मिलर ने घरों पर वेस्ट बैंक के निवासियों के हमलों, फिलिस्तीनी पशुओं की हत्या और जैतून की फसल को बाधित करने की ओर इशारा किया। मिलर ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि इज़राइल सरकार चरमपंथी आबादकारों की हिंसा को रोके और अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुसार सभी समुदायों को नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करे।" उन्होंने कहा, "इसमें ऐसी हिंसा में हस्तक्षेप करना, रोकना और रोकना शामिल है। यह संबंधित अधिकारियों की भी जिम्मेदारी है कि वे तनाव को शांत करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करें और नागरिकों के खिलाफ हिंसा के सभी अपराधियों को समान रूप से जवाबदेह ठहराएं, चाहे अपराधी की पृष्ठभूमि कुछ भी हो।" या पीड़ित।" जेरूसलम संवाददाता के इस सवाल के जवाब में कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा के कृत्य करने वाले चरमपंथी निवासियों के प्रत्यर्पण की मांग करेगा, मिलर ने कहा कि यह अमेरिकी न्याय विभाग पर निर्भर करेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका ने गाजा में इज़राइल के युद्ध के साथ-साथ वेस्ट बैंक में बसने वालों की हिंसा पर बार-बार चिंता व्यक्त की है और प्रतिबंध लगाए हैं। निवासियों ने कहा कि यहूदी बसने वालों ने सोमवार को रामल्ला के बाहरी इलाके में फिलिस्तीनी संपत्ति पर हमले के दौरान 20 कारों को जला दिया, जो कि कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी सरकार के मुख्यालय के रूप में कार्य करने वाले क्षेत्र में उनके अब तक के सबसे साहसिक हमलों में से एक था। उन्होंने बताया कि मोलोटोव कॉकटेल लेकर आए करीब दस नकाबपोश हमलावरों ने तड़के करीब तीन बजे रामल्ला से सटे अल-बिरेह इलाके को निशाना बनाया और कुछ ही मिनटों में कारों को जला दिया। एक निवासी, इहाब अल-ज़बेन ने कहा कि वह बसने वालों पर चिल्लाया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने वाहनों को जलाना जारी रखा। उन्होंने कहा, "जब हम आग बुझाने की कोशिश करने के लिए नीचे गए, तो उन्होंने हम पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।" इमारत के बाहर खड़ी कारों में लगी आग के कारण एक आवासीय इमारत का बाहरी हिस्सा काला पड़ गया। इजरायली पुलिस के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि इजरायली पुलिस और आंतरिक सुरक्षा एजेंसी (शिन बेट) कई फिलिस्तीनी कारों को जलाए जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद जांच कर रही है। वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी समुदायों के खिलाफ यहूदी बसने वालों की हिंसा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई है और कुछ सरकारों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हिंसक बसने वालों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसने इज़राइल से हमलों को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया है। रामल्लाह में स्थित फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण ने "आबादी मिलिशिया द्वारा शुरू किए गए क्रूर हमले" की निंदा की। विदेश विभाग ने "संपूर्ण उपनिवेशवादी व्यवस्था को लक्षित करने वाले व्यापक प्रतिबंधों" का आह्वान किया। फिलिस्तीनी समूह द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, हमास के एक अधिकारी, अब्देल रहमान शेडिड ने कहा कि हमला बसने वालों की ओर से वृद्धि को दर्शाता है और "टकराव को बढ़ाने और इन अपराधों का सामना करने" की आवश्यकता है। इज़राइल वेस्ट बैंक को बाइबिल आधारित यहूदिया और सामरिया के रूप में देखता है, और बसने वाले भूमि से बाइबिल संबंधों का हवाला देते हैं। गाजा युद्ध शुरू होने से पहले बसने वालों की हिंसा बढ़ रही थी, और एक साल पहले ही संघर्ष शुरू होने के बाद से यह और भी बदतर हो गई है। पिछले हफ्ते रॉयटर्स के साथ एक साक्षात्कार में, बसने वाले समुदाय के एक नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि डोनाल्ड ट्रम्प, अगर वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो फिलिस्तीनियों पर हमलों के कारण लगाए गए नाजायज प्रतिबंधों को हटा देंगे। अधिकांश देश अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बस्तियों को अवैध मानते हैं। 2019 में, तत्कालीन ट्रम्प प्रशासन ने लंबे समय से चली आ रही अमेरिकी स्थिति को त्याग दिया कि राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा इसे बहाल करने से पहले बस्तियां अवैध थीं। तथ्यों का खुलासा करते हुए साप्ताहिक पत्रिका, प्रधान संपादक, जाफ़र अल-ख़बौरी | |
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